विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय में सुविधायें

एक्स-रे रूम

पीड़ाग्रस्त गौवंश के हड्डी फैक्चर, गौवंश के गले व फैफड़े, हार्ट आदि में लोहे व अन्य धातु ( फोरेनबोडी) फंसने की जानकारी हेतु 500 एम.ए. व 100 एम.ए. की आधुनिक एक्सरे मशीनों से एक्स-रे द्वारा तुरन्त पता लगाकर गौ हितार्थ के साथ डिजिटल मशीन के माध्यम से कम्पयुटर द्वारा फैक्चर या अन्य कोई धातु को देखकर तुरन्त उपचार कार्य शुरू कर गौवंश को राहत पहुंचाई जाती है।

ऑपरेशन थियेटर

प्रति दिन घावों की सफाई कर पट्टियां करना, सींग के कैंसर, फ्रैक्चर व शरीर पीडीत गौवंश का उपचार करना, बच्चादानी नहीं खुलने पर जीवित बच्चा या मृत बच्चा पेट से बाहर निकालना, गौवंश के पेट से प्लास्टिक मलबा निकालना पेट के अन्य रोगों के ऑपरेशन (शल्य-चिकित्सा) के लिए आधुनिक औजारों से लैस पृथक ऑपरेशन थियेटर की व्यवस्था है।

गौमाता बिस्तर रूम

सर्दी के मौसम में सभी बीमार गौवंश व वन्यजीवों को गर्म कम्बल ओढ़ाए जाते है और सभी वार्डो को चारों तरफ से मखमली दरियों द्वारा ढ़का जाता है।

R O प्लांट का मिनरल वाटर

गो चिकित्सालय में पीड़ित गौवंश के स्वास्थ्य का पुरा ख्याल रखा जाता है, गौवंश को आरो प्लांट द्वारा फिल्टर (मिनरल वाटर) पिलाया जाता है।

तुलादान

हमारे धर्म शास्त्रों में तुलादान का बहुत ही बड़ा महत्व है।

विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय में सुविधायें

विशालकाय बांटा गोदाम

यहाँ विशालकाय बांटा गोदाम में पीड़ाग्रस्त गौवंश के लिए पौष्टिक आहार जैसे खल, गुड़, चुरी, जौ, लापसी हेतु गेहुं का बाट, बाजरी का दलिया, चापड़, उच्च क्वालिटी का तेल आदि पौष्टिक आहार रखा गया है बाजरी का दलिया बड़ी मात्रा में प्रतिदिन लगता है इस हेतु दो बड़ी आटा चक्कियां द्वारा पीसा जाता है। इसी के साथ में वन्यजीवों हेतु विभिन्न प्रकार के अनाज की भी व्यवस्था रहती है और पक्षियों हेतु चूण (अनाज) रहता है गौभक्त भी निम्नानुसार इस प्रकार की गौवंश हेतु खाद्य सामग्री भेजकर पुण्य लाभ ले सकते है। यह विशालतम बांटा गोदाम 100x40 फिट बड़ा जिसमें हजारों टन (दर्जनों ट्रक) खाद्य सामग्री को रखा जाता है, ज्ञात रहे उसी अनुसार वापस बड़ी मात्रा में प्रतिदिन 8 टन (8 हजार किलो) 25 कढ़ाइयों में खाद्य सामग्री लगती है।

यात्रियों हेतु रूम

गो चिकित्सालय परिसर में ही दूर-दराज से आने वाले यात्रियों के लिए रात्रि विश्राम हेतु यात्री रूम बने हुए है जो बहुत ही कम शुल्क में एसी-नाॅन एसी रूम उपलब्ध है। प्याऊ पर निःशुल्क चाय, शुद्ध जल, दैनिक अखबार, भोजन, गर्म पानी हेतु गिजर, वाटर कुलर, पार्किग सुविधा, वाहन सर्विस सुविधा, शांत एवं खुला वातावरण इत्यादि विभिन्न प्रकार की सुविधा उपलब्ध है।

प्रतिदिन 25 कढ़ाइयों में 8 टन बांटा

विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय नागौर एवं जोधपुर शाखा में प्रतिदिन पीड़ाग्रस्त गौमाता को मौसम अनुसार पौष्टिक आहार स्वरूप 25 कड़ाईयों के अन्दर लगभग 8 टन(आठ हजार किलो) बांटा (दलिया) पकाकर दिया जाता है। इसके अन्दर मिनरल पाउडर जिसके अन्दर कैल्शियम, काॅपर, कोबाल्ट, मैग्नेशियम, खनिज लवण व विटामिन होते है। जिसे गौवंश को वजन के अनुसार बांटे में डालकर खिलाया जाता है। जिससे गौवंश को मिनरल की कमी न हो और साथ ही गौवंश स्वस्थ व तन्दुरस्त रहे।

सभी गौवंश के लिए सर्दी, बरसात, आंधी, तुफान से बचने के इंतजाम और 24 घण्टे सजग खड़े गौ सेवक कलयुग मे सतयुग जैसी गौसेवा को चरितार्थ करते ये सब दृश्य अद्भुत, अनूपम और अभूतपूर्व सी अनुभूति प्रदान करते है। श्री गौधाम सेवातीर्थ पहुंचने के बाद पीड़ीत गौवंश के घाव व फ्रैक्चर पर मक्खी तक नहीं पहूँचे तथा गौमाता किसी भी प्रकार से और ज्यादा दुःखी न हो ऐसे सभी प्रबन्ध किए गये है। गौवंश को खड़ा करने, बैठने, नहलाने, खुजलाने, स्थान बदलने आदि सभी क्रियाओं में परम्परागत चले आ रहे तरीकों के साथ-साथ आधुनिक उपकरणों का भी समावेश किया गया है। बीमारियों के ईलाज में भी उच्च स्तरीय दवाओं का प्रयोग किया जाता हैं। विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय में उपचाराधिन गौवंश आराम से बैठ सके एवं विश्राम कर सके इस हेतु प्रतिदिन छलनी से छानी हुई मखमली रेत विभिन्न वार्डो में बिछाई जाती है। लाचार गौवंश को कीमती दवाइयो और जो गौवंश ओर वन्यजीव कुछ खा नही सकते उन्हें ग्लुकोज और इजेक्शन पर रखकर उनका उपचार किया जाता है। पारी के अनुसार रात मे भी चिकित्सको की टीम गौवंश को बचाने के लिए प्रयत्नशील रहती है। निजी वाहनो से भी धरेलू गौवंश रात को उपचार के लिए आते है और उनका भी उपचार रात को ही उपस्थित चिकित्सको द्वारा किया जाता है। श्री गौधाम सेवातीर्थ मे गौवंश के अलावा वन्यजावो का भी उपचार किया जाता है।श्री गौधाम सेवातीर्थ की अदभूत उपचार प्रणाली व गौवंश की सच्ची सेवा की महक राजस्थान मे ही नही अपितू पूरे भारत मे विधमान होने की और अग्रेसित है। इसी कारणवश राजस्थान के सबसे बडे वेटेनरी काँलेज जो की बीकानेर मे स्थित है वहाँ से भी गौवंश व वन्य जीव उपचार के लिए श्री गौलोक महातीर्थ मे आते है।

एम्बुलेंस सेवा

एम्बुलेन्स सेवा के लिए दूरभाष 9214926790 पर सूचना दें

विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय की एम्बुलेंस सेवा सबसे अनोखी और उत्तम है। जोधपुर शाखा एवं नागौर मुख्यालय को केन्द्र मानकर चारों और से लगभग एक सीमित क्षेत्र तक के दायरे में आधे राजस्थान से गौ चिकित्सालय की 18 एम्बुलेन्स प्रतिदिन अपनी सेवाएं निरन्तर दे रही है। किसी भी स्थान पर कोई भी लावारिस गौवंश, दुर्घटनाग्रस्त हो गया हो या कमजोर एवं बीमार बूढ़े गौवंश उठने में असमर्थ हो, तो उक्त स्थानों के स्थानीय गौभक्त गौ चिकित्सालय के एम्बुलेन्स दूरभाष 9214926790 पर सूचना देते है, कि उक्त स्थान पर गौवंश दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, या किसी बीमारी से ग्रस्त है और सूचना मिलते ही गौ चिकित्सालय की एम्बुलेन्स तुरन्त उस स्थान पर पहुंचकर दुर्घटनाग्रस्त, पीड़ाग्रस्त बीमार गौवंश को सुरक्षित लाकर उपचार आॅपरेशन करक बीमा गौवंश को एक नया जीवनदान देने को प्रयत्नशील रहती है। गौलाक महातीर्थ) की 18 एम्बुलेन्सों के माध्यम से प्रतिदिन 45-50 दुर्घटनाग्रस्त बीमार गौवंश लाए जाते है। आपातकालीन स्थिति में गौ चिकित्सालय की एम्बुलेन्स उपलब्ध नहीं रहती है, तो किराये का वाहन उक्त स्थान पर भेजकर पीड़ा से कराह रहे गौवंश को लाकर उपचार किया जाता है। विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय का मुख्य उद्देश्य यही है, कि उपचार एवं ईलाज के अभाव में कोई भी गौवंश काल का ग्रास नहीं बने। ऐसी एम्बुलेन्स सेवा हिन्दुस्थान में शायद ही कहीं उपलब्ध हैं। भारतीय संस्कृति का आधार गौमाता की ऐसी सेवा जहाँ सिर्फ दुर्घटना से पीडीत गौमाता को नया जीवनदान प्रदान करना ही एकमात्र लक्ष्य है आज इस कलयुग मे दुर्लभ है।