गोलोक महातीर्थ की स्थापना का मूल उद्देश्य यही है कि जो लावारिस गोवंश दुर्घटनाग्रस्त एवं अन्य बीमारी की पीड़ा से कराह रहा हो या मरणासन्न स्थिति से व्याकुल होकर सडकों के किनारे भटकता हो और भूख प्यास से व्याकुल होकर कहीं गहरे गढ्ढे में गिर गया हो या किसी वाहन की चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया हो ऐसे गोवंशों को 18 एम्बुलेंसों द्वारा समय पर लाकर उसका उपचार एवं इलाज कार्य करके बीमार गोवंश की सेवा करके एक नया जीवन देना ही (गोलोक महातीर्थ) का उद्देश्य हैं।
पीड़ाग्रस्त गोवंश के लिए पौष्टिक आहार जैसे खल, गुड़, चुरी, जौ, लापसी हेतु गेहुं का बाट बड़ी मात्रा में प्रतिदिन लगता है
गो चिकित्सालय परिसर में ही दूर-दराज से आने वाले यात्रियों के लिए रात्रि विश्राम हेतु यात्री रूम बने हुए है।
विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय (गो लोक महातीर्थ) द्वारा आस पास के लगभग 350 कि.मी. वृतक्षेत्र मे राजस्थान के बारह जिलों से बीमार, दुर्घटनाग्रस्त व पीडाग्रस्त गोवंश हजारों की संख्या में लाकर सेवा की जा रही है।
About Usहमारे धर्म शास्त्रों में तुलादान का बहुत ही बड़ा महत्व है। मनुष्य अपने वजन के बराबर गौखाद्य सामग्री तोलकर गोमाता को अर्पित करता है, तो उसका बहुत ही पुण्य लाभ मिलता है। तुलादान करने से अनिष्ठ ग्रहों की शांति होती है और घर परिवार में सुख शान्ति समृद्धि बनी रहती है।
सुविधायेंविश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय द्वारा गौ सेवा सम्बन्धित अधिकाधिक जानकारी समाज के लोगो को देने के लिए, मासिक पुस्तिका कामधेनु दर्शन का प्रकाशन कर रहा है। समाचार-पत्र में गोलोक महातीर्थ की मासिक कार्यो की जानकारी एवं राष्ट्रीय स्तर की गोहितार्थ योजनाएं एवं गोमाता पर हो रहे अत्याचारों का एवं समाज से गोवंश की रक्षा हेतु आगे आने का आह्वान एवं कामधेनु सेना के सदस्यों एवं पदाधिकारियों द्वारा गोवंश की रक्षार्थ किए गये कार्यो का विवरण इत्यादि समाचारों का प्रकाशन मासिक पुस्तिका के माध्यम से समाज में पहुंचाया जाता है। विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय द्वारा प्रकाशित मासिक पुस्तिका के हजारों पाठक है। यह मासिक पुस्तिका गौ सेवा को समर्पित है। रंगीन पृष्ठों से निर्मित कामधेनु दर्शन पुस्तिका नये अंक में प्रकाशित समाचार आप यहां देख सकते है।